Vidyapati Song Collection
शुक्रवार, 1 जुलाई 2016
बाघछाल पाहुन आयल भवानी
बाघछाल पाहुन आयल भवानी । बइसय दिय आनि ॥
वृषह चढ़ल बुढ़ आवे । धुथुर गजाये भोजन हुनि भावे ॥
भसम विलेपित आंगे । जटा वसथि शिर सुरसरि गांगे ॥
हाड़माल फणिमाल शोभे । डमरू बजाव हर जुवतिक लोभे ॥
विद्यापति कवि भाने । ओ नहि बुढ़वा जगत किसान ॥
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